भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019 – निबंध
Essay in Hindi
Tourism Development in India / भारत में पर्यटन विकास : उपलब्धियाँ और चुनौतियांँ – Full Essay 2019 in Hindi | भारत में पर्यटन विकास पर निबंध |
आधार-बिंदु :
1. एक पर्यटन उद्योग के प्रति बढ़ती सजगता
2. विश्व पर्यटन और भारत
3. भारत में पर्यटन की अनुकूलताएँ
4. भारत में पर्यटन की समस्याएंँ
5. स्वतंत्रता के बाद पर्यटन
6. भारत की पर्यटन नीति
7. पर्यटन विकास के लिए आयाम
8. पर्यटन विकास के लिए जरूरी क़दम
पर्यटन उद्योग के प्रति बढ़ती सजगता : भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019
विश्व अब एक गांँव की तरह है । दुनिया के देशों के आपसी संबंध उनके बीच ज्ञान, संस्कृति एवं भौतिक वस्तुओं का आदान-प्रदान दो मोहल्लों के बीच के आदान-प्रदान की तरह हो गया है । परिवहन एवं दूरसंचार ने दुनिया के देशों को सचमुच निकट ला दिया है । फिर दुनिया में बढ़ती जा रही मनुष्य की आर्थिक सामर्थ्य और जिज्ञासा एक देश के लोगों को दूसरे देश के निकट लाती जा रही है, इसलिए संपूर्ण विश्व में पर्यटन उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है । अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन न केवल आधुनिक युग की देन है बल्कि इसके प्रसार की गति भी आधुनिकता की रफ्तार से जुड़ी हुई है । बिना कुछ निर्यात किए पर्यटन से आमदनी तो प्राप्त होती ही है इससे रोजगार की वृद्धि, विदेशी मुद्रा की प्राप्ति तथा सांस्कृतिक संबंधों में प्रगाढ़ता भी मिलती है । इसलिए पर्यटन एक आर्थिक-सांस्कृतिक-राजनीतिक उद्योग है । दुनिया के सभी देश पर्यटन को विकसित करने की ओर सजगता से उन्मुख है ।
विश्व पर्यटन और भारत : भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019
अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, ब्रिटेन, नीदरलैंड, जर्मनी, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया, इटली इत्यादि सर्वाधिक पर्यटकों को आकृष्ट करने वाले देश है, किंतु भारत का स्थान काफी नीचे हैं । विश्व में पर्यटन से होने वाली आय 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर में भारत का हिस्सा मात्र 0.44 प्रतिशत है । भारत की भौगोलिक विविधता, सुदीर्ध एवं सांस्कृतिक परंपरा की समृद्धि तथा कम खर्च के बावजूद हम भारत को पर्यटकों के लिए अपेक्षाकृत आकर्षक नहीं बना सके है और संसार के कुल पर्यटकों में से मात्र 0.33 प्रतिशत पर्यटकों को ही भारत की ओर आकृष्ट कर पा रहे हैं । You Read This Full Essay 2019 on Lokhindi.com
भारत में पर्यटन की अनुकूलताएँ : भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019
भारत पर्यटकों को स्वर्ग हो सकता है । हमारे यहांँ हिमालय, सागर, रेगिस्थान, पहाड़, जंगल, नदिया, झीले हैं । हजारों वर्षों की परंपरा लिए हुए गुफाएंँ, किले, महल, हवेलियांँ, बावड़ीयाँ, पनघट हैं । उत्तर से दक्षिण तथा पूर्व से पश्चिम तक सांस्कृतिक विभिनता लिए वेशभूषा, पूर्व-त्योहार, मेले-उत्सव, रीति-रिवाज है । देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए इतनी कौतुकभरी समृद्ध विविधता है कि भारत पर्यटक की दृष्टि से अग्रणी देश हो सकता है और भारत के अन्य उद्योगों को चमकाता हुआ पर्यटन उद्योग अपनी चमकदार छटा बिखेर सकता है ।
भारत में पर्यटन की समस्याएंँ : भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019
पर भारत के पर्यटन में कुछ गंभीर समस्याएं भी हैं । भारत में बढ़ रहा आंतकवाद आरामदेह और तीव्रगामी परिवहन साधनों की कमी, रेल तथा हवाई यात्रा की अनिश्चितता, वायु तथा रेल यातायात में समन्वय की कमी, प्रतिवर्ष यात्रा किराये में वृद्धि, सस्ते, आरामदेह, शांत, स्वच्छ एवं सुविधाजनक आवास की कमी, प्रशिक्षित एवं सुसभ्य गाइडों का अभाव, गंदगीयुक्त वातावरण का होना, विद्युत एवं संचार व्यवस्था में अव्यवस्था, पर्यटन संबंधी सूचनाओं के व्यापक प्रचार प्रसार की कमी, पर्यटन सूचना केंद्रों की कमी एवं उनमें व्याप्त अराजकता, पर्यटकों की इच्छा अनिच्छा की समझ का अभाव, राष्ट्र के सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्व के स्थलों की सुरक्षा की अपर्याप्तता, पर्यटको की सुरक्षा की कमी तथा पर्यटकों के साथ शालीन एवं ईमानदार व्यवहार की कमी आदि कुछ ऐसी समस्याएँ है जिनके कारण भारतीय पर्यटन उद्योग तेजी से उन्नत नहीं हो पा रहा है । उक्त समस्याओं के कारण विशेषकर विदेशी पर्यटक भारत में आने से हिचकिचाता है ।
स्वतंत्रता के बाद पर्यटन : भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019
स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार ने पर्यटन के विकास पर ध्यान देना प्रारंभ किया है । 1949 में परिवहन मंत्रालय में ही ‘पर्यटक आवागमन कमेटी’ का गठन किया गया । 1955-56 में उसका नया नाम पर्यटन विभाग रखा तथा 1965 में परिवहन एवं पर्यटन विभाग कर दिया गया । 1966 में पर्यटन विभाग को नागरिक उड्डयन विभाग से जोड़ दिया गया और इसी वर्ष ‘भारतीय पर्यटन विकास निगम’ की स्थापना की गई जिसने पर्यटन के क्षेत्र में आधारभूत कार्य किया ।
भारतीय पर्यटन विकास निगम सार्वजनिक क्षेत्र में एक अर्द्ध स्वायतशासी संस्था है जो पर्यटन विभाग से निकट संपर्क रखती हैं । यह संस्था देश में होटलों व यात्री-आवासों की एक श्रृंखला को चलाती एवं नियंत्रित करती है । पर्यटकों के लिए परिवहन सुविधाओं, प्रचार-प्रसार सामग्री, उनके मनोरंजन के साधन तथा हवाई-अड्डों पर शुल्क मुक्त दुकानों का संचालन करती है । इसके अलावा विभिन्न प्रदेशों एवं केंद्र शासित क्षेत्रों में पर्यटन उद्योग को विकसित करने का कार्य भी इस ‘निगम’ द्वारा संपन्न होता रहा है ।
भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019
More Full Essay 2019 : भारत में बाल श्रम Essay in Hindi : हिंदी निबंध
भारत की पर्यटन नीति : भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019
भारत के पर्यटन विकास में महत्वपूर्ण परिवर्तन छठी पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत 8 नवंबर, 1982 को भारत के पर्यटन मंत्रालय द्वारा पर्यटन की प्रथम राष्ट्रीय नीति को संसद में प्रस्तुत करने में आया । नीति के जो मुख्य उद्देश्य रखे हुए हैं उनमें- आपसी भ्रमण के माध्यम में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सद्भाव को बढ़ाना; पर्यटन के विकास के माध्यम से विश्व की विचारधारा, जीवन के तरीकों और विकास की तकनीकी का ज्ञान करना; पैतृक संपदा एवं संस्कृति को बनाए रखने, नष्ट होने से बचाने और समृद्ध बनाने के लिए प्रचार-प्रसार करना, पर्यटन के समुदाय के लिए आर्थिक एवं सामाजिक लाभ प्राप्त करना अर्थात रोजगार के अवसरों में वृद्धि, आय का सृजन, राजस्व की प्राप्ति, विदेशी विनियम का अर्जन और मानव व्यवहार में सुधार करना तथा पर्यटन के विकास से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय एकीकरण की विचारधारा को युवक-युवतियों में विकसित करना एवं मेलों-खेलों आदि के द्वारा राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण करना आदि सम्मिलित हैं । हाल ही में भारत सरकार पर्यटन को संविधान की समवर्ती सूची में सम्मिलित करना चाहती है ताकि केंद्र एवं राज्य सरकार दोनों की भागीदारी बन सके ।
पर्यटन विकास के लिए आयाम : भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019
पर्यटन नीति से युवकों हेतु होस्टल और अन्य विकास पर बल दिया गया है, चयनात्मक यात्रा-भ्रमण-पद्धति को अपनाया गया है तथा पर्यटकों के लिए सुविधाओं की आधारभूत संरचनाओं में वृद्धि करने पर जोर दिया गया है । नीति के विपणन व्यूह रचना से यात्री सुविधा बढ़ाने पर बल दिया है, बौद्ध धर्म-स्थलों पर यात्री सुविधा बढ़ाने पर जोर दिया गया है ।
पर्यटन को एक अंतर-अनुशासन का विषय बनाया गया है ताकि विभिन्न स्तर की सरकारें विभिन्न स्तर के व्यापारियों के साथ समन्वित रूप से कार्य कर सकें । You Read This Full Essay 2019 on Lokhindi.com
सातवीं पंचवर्षीय योजना भारतीय पर्यटन उद्योग के विकास की दृष्टि से मील का पत्थर रही है । इस योजनावधि के दौरान पर्यटन को विदेशी मुद्रा अर्जित करने और रोजगार के अवसर उत्पन्न करने की भावी संभावनाओं के रूप में स्वीकारा गया तथा इसे उद्योग का दर्जा भी दिया गया । 11वीं पंचवर्षीय योजना में अब राजस्थान सहित अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी इसे उद्योग घोषित कर दिया है तथा पर्यटन के कार्य-कलापों में निवेश के लिए निजी उद्यमियों को बहुत से प्रोत्साहन उपलब्ध कराए गए हैं । सन 1989 में ‘पर्यटन वित्त निगम’ की स्थापना की गई जो होटल, रेस्टोरेंट, मनोरंजन पार्क आदि पर्यटन सुविधाओं के लिए वित्त उपलब्ध कराता है । अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के विकास के लिए सहायता योजना के अंतर्गत भी अतिरिक्त सहायता प्रदान की गई है । वर्ष 1991 को ‘भारतीय पैटर्न वर्ष’ घोषित कर के पर्यटकों को आकृष्ट करने के लिए विभिन्न गतिविधियों पर जोर दिया गया । आठवीं पंचवर्षीय योजना में पर्यटन सेवा हेतु निजीकरण को अपनाने पर विशेष बल दिया गया है । इस योजना में विदेशी पर्यटन के साथ-साथ देशी पर्यटन के विकास पर भी बल दिया गया । ‘विशेष पर्यटन क्षेत्र’ योजना के अंतर्गत पर्यटन की संभावनाओंवाले नए क्षेत्र स्थलों की तलाश कर विकास प्रारंभ किया । बिहार में भगवान बुध्द से संबंधित स्थानों और महाराष्ट्र में अजंता एलोरा के विकास हेतु परियोजनाएं विदेशी वित्तीय सहायता से आरंभ की गई है । ‘आगरा सांस्कृतिक विकसित परियोजना’ भी चल रही है । फिर भी भारत की कुल राष्ट्रीय आय का 2% पर्यटन से प्राप्त होता है जबकि हम पर्यटन विकास पर प्रतिवर्ष कुल सार्वजनिक व्यय का मात्र 0.2 प्रतिशत खर्च करते हैं । इस प्रकार निवेश की कमी भी पर्यटन के समुचित विकास में बाधक है ।
पर्यटन विकास के लिए ज़रूरी कदम : भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019
वर्तमान में भारतीय पर्यटन उद्योग को विकसित करने के लिए एक ओर देश में फैले पर्यटन केंद्रों को तीव्र एवं सुविधाजनक परिवहन साधनों से जोड़ना आवश्यक है, वहीं दूसरी ओर देश के प्रमुख हवाई अड्डों को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से जोड़ना जरूरी है । पर्यटन से जुड़े सभी संस्थानों में योग्य, अनुभवी एवं प्रशिक्षित अधिकारियों व कर्मचारियों की नियुक्ति की जानी चाहिए तथा विदेशी पर्यटकों के साथ धोखाधड़ी एवं दुर्व्यवहार करने वाले दोषी व्यक्तियों को कठोर करनेवाले करवाने में मदद करनी चाहिए । विश्राम गृहों एवं सूचना केंद्रों पर ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक ज्ञान रखनेवाले प्रशिक्षित गाइड नियुक्त करने चाहिए । देश में सुरक्षा एवं शांति का माहौल भी पर्यटन के लिए बहुत आवश्यक है । कई बार पर्यटकों के अपरहण हो जाने से भारतीय पर्यटन पर विपरीत प्रभाव पड़ा है । पूर्व में भारत-पाक संबंधों के तनावपूर्ण रहने एवं आतंकवादी गतिविधियों ने भारतीय पर्यटन को दुष्प्रभावित किया है किंतु अब इस दिशा में हो रहे अनुकूल वातावरण से भारतीय पर्यटन में चमक आ रही है । You Read This Full Essay 2019 on Lokhindi.com
भारत में पर्यटन देश की सांस्कृतिक पहचान एवं आर्थिक समृद्धि को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण एवं विकासशील उद्योग है ही साथ ही यह भारत की ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ संस्कृति का विश्व-संस्कृति के साथ आदान-प्रदान करने का भी महनीय कार्य है किंतु इसकी गति तीव्र करने के लिए सरकार के पर्यटन विभाग एवं पर्यटन निगम के अलावा स्वैच्छिक संस्थाओं, निजी उद्यमियों एवं आम जनता के सहयोग की आवश्यकता है । यदि हम हमारे मेहमानों के प्रति भारतीय परंपरा के अनुसार ‘अतिथि देवोभव’ के भाव में शालीन-सुसंस्कृत व्यवहार करेंगे तो हमें अर्थ को प्राप्त होगा ही साथ ही भारतीय इतिहास और सांस्कृतिक परंपरा को विश्वभर में पहुंचा कर गौरवान्वित भी होंगे ।
Download Our App For More Full Essay 2019 : https://goo.gl/ExWdX7
Leave a Comment