बिना विचारे काम मत करो – कहानी – kahani in hindi – moral story
kahani in hindi
एक किसान ने एक नेवला पाल रखा था | नेवला बहुत चतुर और स्वामीभगत था | एक दिन किसान कहीं गया था | किसान की स्त्री ने अपने छोटे बच्चे को दूध पिला कर सुला दिया और नेवले को वहीं छोड़ कर वह गड़ा और रस्सी लेकर कुएं पर पानी भरने चली गई |
किसान की स्त्री के चले जाने पर वहां एक काला सांप बिल में से निकल आया | बच्चा पृथ्वी पर कपड़ा बिछाकर सुलाया गया था और सांप बच्चे की ओर ही आ रहा था | नेवले ने यह देखा तो सांप के ऊपर टूट पड़ा और उसने सांप को काटकर टुकड़े-टुकड़े कर डाला और घर के दरवाजे पर किसान की स्त्री का रास्ता देखने गया |
किसान की स्त्री घड़ा भर कर लौटी उसने घर के बाहर दरवाजे पर नेवले को देखा नेवले के मुख्य वक्त लगा देखकर उसने समझा कि इसने मेरे बच्चे को काट डाला है | दुख और क्रोध के मारे भरा घड़ा उसने नेवले पर पटक दिया बेचारा नेवला कुचल कर मर गया |
वह स्त्री दौड़कर घर में आई उसने देखा कि उसका बच्चा सुख से सो रहा है | वहां एक काला सांप कटा पड़ा है | स्त्री को उसकी भूल का पता लग गया वह दौड़ कर फिर नेवले के पास आई और नेवले को गोद में उठा कर रोने लगी लेकिन अब उसने रोने से क्या लाभ ?
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