Horror Story in Hindi – खेल खेल में – Horror Story

Horror Story – खेल खेल में

A Short Horror Story in Hindi / Ghost Story in Hindi . खेल खेल में यह कहानी दो दोस्तो के बारे में है, जो आत्मो से मिलना चाहते है |


एक पंद्रह वर्षीय बच्चे रोहित ने अपने एक दोस्त अनुज से कहा – “ यार अनुज, क्या तू जानता है कि आत्माएं कहां रहती है |”
पंद्रह वर्षीय अनुज ने जवाब दिया – “ नहीं |”
“ मैं भी नहीं जानता |” रोहित बोला |
“ पर जानना चाहे तो कैसे जान सकते हैं?” अनुज ने कहा |
“ मेरे पास एक तरीका है |” रोहित ने शीघ्रता से कहा |
“ वो क्या?” अनुज ने पूछा |

“ एक कमरे में दरवाजा बंद करके बैठ जाओ | वहां अंधकार होना चाहिए | उस अंधकार में बारह मामबत्तियां जलाओ और आंखें बंद करके आत्माओं को पुकारो |”
“ तु सच कह रहा है |”
“ हां ”
“ क्या ऐसा करने में सचमुच कोई आत्मा हमारे पास आ जाएगी |”
“ हां ”
“ तो फिर हमें जरूर ऐसा करके देखना चाहिए |” अनुज बोला |
“ क्यों नहीं |”
“ यार, आत्माओं से मिलने का तो मेरा सपना है | सुना है, आत्माएं बहुत शक्तिशाली होती हैं | वो जो भी चाहे कर सकती हैं |”
“ हां, यह सच है |”
“ चल फिर तो हम इसी समय आत्माओं को बुलाएंगे |”
“ चल ”
फिर उसके बाद रोहित अनुज के साथ अपने घर के एक अन्य कमरे में आ गया | वहां उन्होंने दरवाजा बंद कर अंधेरा कर लिया | अपने आगे बारह मोमबत्तियां जलाकर उन दोनों ने आंखें बंद कर ली |
तत्पश्चात रोहित ने बोलना शुरू किया – “ आत्माओं हमारे पास आओ |”
रोहित के साथ-साथ अनुज ने भी वही शब्द कहने शुरू कर दिये, जो रोहित कह रहा था | लगभग चार मिनट तक उन दोनों ने आत्माओं को पुकारा | You Read This Horror Story in Hindi on Lokhindi.com

अचानक बंद दरवाजा खुल गया | बाहर से हवा का तेज झोंका आया और सारी मोमबत्तियां बुझा गया | इसी के साथ हवा का झोका रोहित  तथा अनुज से भी टकराया परिणाम स्वरूप रोहित और अनुज ने आंखें खोल दी | उसी समय रोहित ने दाई ओर देखते हुए कहा – “ तुम आत्मा हो |”

उसकी नज़रों का पीछा करते हुए अनुज ने भी दाई ओर देखा |

परंतु उसे वहां कोई नजर ना आया, जबकि रोहित दाई ओर देखता हुआ बराबर बातें कर रहा था | तभी अनुज ने कहा – “ यार रोहित, मुझे आत्मा नहीं दिख रही है |”

“ यह है तो सामने आत्मा |” रोहित ने दाई ओर संकेत करते हुए कहा |
“ पर मैं आत्मा को देख नहीं पा रहा हूं |”
“ ध्यान से देखो |”
अनुज ने ध्यान से देखा फिर भी कोई आत्मा उसे नहीं दिखी | काफी देर तक अनुज तथा रोहित में इसी बात पर बहस चलती रही | इसी बीच रोहित की मां वहां आ गई और बोली –
“ यहां क्या कर रहे हो, रोहित |”

“ कुछ नहीं मम्मी |”
“ चलो चलकर, खाना खा लो |”
“ अच्छा ”
इसी के साथ मां वहां से चली गई | रोहित और अनुज भी वहां से उठ गये |
“ हम कल मिलेंगे ” रोहित बोला |
“ ओके ”
अनुज अपने घर चला गया |

रात का समय था | रोहित अपने मां-बाप से बोला “ आज मैंने अनुज को खूब बेवकूफ बनाया |”
“ वह कैसे |” पिता ने पूछा |
मैंने झूठ ही उससे कह दिया की आत्मा को बुलाएंगे | रोहित ने माता-पिता को सारी बात बताकर अंत में कहा – “कोई आत्मा नहीं आई थी, बल्कि मैंने उसको खूब अच्छी तरह बेवकूफ बनाया कि मैं आत्मा को देख रहा हूं |”
इस बात पर रोहित तथा उसके पिता खूब हंसे | मगर मां ने कहा – “ यह गलत है, इस तरह किसी को बेवकूफ नहीं बनाना चाहिए | आइंदा ऐसा कभी मत करना |”
रोहित गंभीरता से बोला – “ ठीक है, मम्मी |”

Horror Story in Hindi

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रात को गयारह बजकर चालीस मीनट हो गए थे | रोहित गहरी नींद में अपने बेड पर सो रहा था | अचानक उसके कानों में आवाज गुजी – “ रोहित |”
उसने झट से आंखें खोल दी देखा कि उसके निकट एक तीस वर्षीय व्यक्ति खड़ा है | उस व्यक्ति का रूप स्पष्ट नहीं दिख पा रहा था | कुछ-कुछ धुंधला था | रोहित उसे देख घबरा कर उठ बैठा बोला – “ तुम कौन हो |”

“ मेरे साथ आओ |” वह व्यक्ति दरवाजे की ओर घुमा |
“ नहीं, मैं तुम्हारे साथ कहीं नहीं जाऊंगा |”
वह व्यक्ति वापस उसकी तरफ घुमा और उसने रोहित की आंखों में अपनी आंखें डालकर उसमें एक ऐसी शक्ति  भर दी | जिसके बल पर रोहित उसके वश में हो गया | You Read This Horror Story in Hindi on Lokhindi.com

“ आओ मेरे साथ |”
और फिर रोहित बेड से नीचे उतरकर उसके पीछे-पीछे चल दिया |”
वास्तव में रोहित को अपने साथ ले जाने वाला वह व्यक्ति एक आत्मा थी | वह आत्मा रोहित को उसके ऊपर की छत पर ले गई |
रोहित का घर तीन मंजिला था |
तीसरी मंजिल पर पहुंच रोहित वापस अपने होशो-हवास में लौट आया | उसे बस में करने वाली शक्ति को आत्मा ने वापस उसके अंदर से निकाल लिया था |

रोहित ने होश में आते ही देखा कि अनुज उसकी छत पर खड़ा है | उसकी तरफ पीठ किए हुए अनुज को देख रोहित ने पुकारा – “ अनुज |”
अनुज उसकी तरफ पलटा तो डर के मारे रोहित के पसीने छूट गये | क्योंकि अनुज भूत बना खड़ा था उसने कहा –
“ डरो मत रोहित, क्योंकि इस समय जिस रूप में तुम मुझे देख रहे हो उसी रूप में तुम भी आने वाले हो | आज हमने मोमबत्तियां जलाकर जो आत्माओं को बुलाने की कोशिश की थी | वह कामयाब हुई | दो आत्माएं आ गई | एक आत्मा मुझ में समा गई और अब दूसरी जो तुम्हारे करीब खड़ी है, वह तुम में समा जाएगी |”

रोहित ने नजर उठाकर उसी आत्मा को देखा जिस के वश में होकर वह साथ-साथ छत पर चला आया था |

उसे देखने के बाद रोहित ने अनुज से कहा –
“ वह तो एक नाटक था | मैं तुम्हें बेवकूफ बना रहा था, मैंने किसी आत्मा को नहीं बुलाया |”
“ शायद तुम्हारे हिसाब से वह एक ड्रामा था | मगर अब सच्चाई को स्वीकार कर लो | आत्माएं सचमुच आ गई है |  शायद तुम्हें ध्यान हो कि आत्माओं को पुकारते समय अचानक दरवाजा खुला था और सभी मोमबत्तियां बुझ गई थी | वह मोमबत्तियां हवा के झोंके से नहीं बल्कि आत्माओं के आने से बुझी थी, क्योंकि आत्माएं भी हवा का झोका होती हैं |”

“ यह सच नहीं है, मैं नहीं मान सकता |” रोहित पसीनो से तर हो चला था |
वह अपने स्थान से पीछे हट रहा था | उसकी हालत बहुत खराब हो चली थी |
“ तुम्हें मरना होगा |” रोहित अनुज ने कहा |
“ नहीं यह नहीं हो सकता |” रोहित बोला |
तभी आत्मा ने कहा – “ तुमने हमें यहां बुला लिया | मगर अब हमारे पास यहां से वापस जाने का कोई रास्ता नहीं है | इस दुनिया में रहने के लिए हमें शरीर चाहिए |”

“ नहीं-नहीं, मैं अपना शरीर तुम्हें नहीं दूंगा |” रोहित ने आत्मा से कहा |
“ तुम्हारा दोस्त अनुज मर चुका है, और अब तुम्हें भी मरना होगा |” आत्मा ने कहा |
“ मैं तुम्हें किसी कीमत पर अपना शरीर नहीं दूंगा |”
“ तुमने गलती की है, तो उसका परिणाम भी तुम्हें भुगतना होगा |” आत्मा ने कहा |
उसी समय आत्मा ने उसे हवा में उड़ाकर छत से नीचे गिरा दिया | छत से गिरते ही रोहित मर गया | तभी वो आत्मा उसके अंदर समा गई |
अनुज और रोहित अब थे तो अपने पूर्व रूपों में ही लेकिन वे दोनों ही भूत बन चुके थे |

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Written by lokhindi
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