किस्सा तोता-मैना – Love & Cheating Stories in Hindi
किस्सा तोता-मैना
/ स्त्री और पुरुष के संबंधो की रोचक दास्तान हिंदी में (किस्सा तोता-मैना )! Best Love & Cheating Stories Collection in Hindi
काफी समय पहले की बात है। जंगल के वातावरण में धीमी-धीमी ठण्ड ने अपना आधिपत्य जमा लिया था। ठंड इतनी अधिक भी नहीं थी कि जाड़े से शरीर कांपने लगे। शहरों, कस्बों और गांवों से कहीं अधिक ठंड होती है जंगल में । उस जंगल में एक अत्यधिक मनभावन बगीचा था। उसी वन में आम के घने वृक्ष की एक खोह में तोता अपनी मैना और बच्चों के साथ सुखपूर्वक रहता था।
एक दिन शाम को तोता जब अपने घोंसले पर आया तो वह बुरी तरह कांप उठा। उसका किसी निर्दयी ने सब कुछ लूट लिया था। वह पेड़ कटा हुआ था, जिसकी खोह में उसका घोंसला था। जिसमें वह अपनी मैना और बच्चों के साथ सुखपूर्वक रहता था। पेड़ कटने की वजह से उसका घोंसला उजड़ गया था। उसकी मैना और बच्चे वहां नहीं थे। तोता काफी दु:खी हुआ, यहीं तो उसका निवास था जहां वह दिनभर की मेहनत के बाद अपनी मैना के साथ विश्राम किया करता था।
तोते ने कटे हुए वृक्ष के चारों ओर नजरें घुमा कर देखा उसे, उसकी मादा और बच्चे कहीं न मिले। घोंसला उजड़ने और अपने परिवार के सदस्यों के बिछड़ने का तोते को काफी दु:ख हुआ। वह सोचने लगा-भगवान ने इस संसार को इसलिए बनाया है कि सब प्राणी एक दूसरे से प्यार करें, एक दूसरे की मदद करें। लेकिन कुछ लोग इन नियमों को भूलकर दूसरों को कष्ट पहुंचाते हैं। यह सब सोचते हुए बेचारा तोता चुपचाप सिर झुकाए एक ओर बैठ गया।
तभी अचानक तोते को याद आया कि करीब के ही एक बाग में एक मैना का घोंसला है और वह वहां अकेली ही रहती है। उसने अभी तक किसी तोते से नाता नहीं जोड़ा है। यह सोचकर तोते ने राहत की सांस ली। उसने सोचा अपना घर-बार उजड़ चुका है, शायद मेरी दास्तान सुनकर मैना को मुझ पर दया आ जाए और वह मुझे अपने घोंसले में थोड़ी सी जगह दे दे। काफी सोच विचार करने के बाद तोते ने उड़ान भरी और कुछ ही पल में उस डाली पर पहुंच गया जिस पर मैना का घोंसला था।
मैना ने जब एक अजनबी तोते को देखा तो वह चौंक कर उछल पड़ी और वह उससे दूर जा बैठी तथा कड़क कर बोली- “ऐ तोते! यह क्या है? तुम यहां क्यों आए हो? मैं इस डाल पर बरसों से रही हूं। इस पर मेरा अधिकार है, तुम यहां से भाग जाओ।”
“ऐ मैना! इतना गुस्सा क्यों करती हो?” तोते ने धीमी आवाज में कहा-“मेरे यहां बैठने से तुम्हें क्या एतराज है। रात बिताने आया हूं, सुबह होते ही चला जाऊंगा।”
“हरगिज नहीं।” मैना ने क्रोधित स्वर में कहा–“मैं तुम्हें यहां एक पुल लिए भी नहीं रहने देंगी। जाओ, कहीं और रात बिताओ।”
“मैना! एक बात पूछू?” तोते ने कहा।
“पूछो, क्या पूछना चाहते हो?” मैना ने उसकी ओर देखे बगैर कहा।
“तुम नाराज क्यों हो? तुम्हें मुझ से इतनी नफरत क्यों है? भगवान ने तो हर जीव का जोड़ा बनाया है। इस प्रकार क्रोधित होते मैंने तो किसी को नहीं देखा।”
तोते?” मैना बोली-“शायद तुम नहीं जानते कि मर्दो की जात कितनी बेवफा होती है। वह हमेशा औरतों को अपनी लच्छेदार बातों में फंसा कर उन्हें दुख देता है और उनसे बेवफाई करता है। इसलिए मुझे मर्द जात से सख्त नफरत है। मैं किसी भी मर्द को अपने पास नहीं फटकने देती।” ।
“लेकिन सब मर्द तो एक जैसे नहीं होते।” तोते ने कहा।
“तुम मुझे सफाई मत दो और यहां से भाग जाओ ताकि मैं अपने घोंसले में जाकर आराम से सो सकें।” मैना ने कहा।
“मैं अन्य मर्दो की तरह नहीं हूँ और बेवफा भी नहीं हूं। रमणीक द्वीप के जंगल के बाग में एक आम के पेड़ की खोह में मेरा घोंसला था, जहां मैं अपने बीवी-बच्चा के साथ आराम की जिन्दगी बसर कर रहा था। लेकिन किसी निष्ठुर ने उस पड़ को काट डाला जिससे मेरा घोंसला उजड़ गयो । मेरे बीवी-बच्चे मुझ से बिछुड़ गए हैं।
इसलिए आज की रैन मुझे यहां बिताने दो।” तोते ने मैना से विनती करने वाले अन्दाज में कहा।
“मैं तुम्हारी बातों में नहीं आने वाली तोते, मर्द ऐसी ही बातें करके औरतों को बहला-फुसला कर उनके साथ बेवफाई करते हैं।”
“लेकिन सब मर्द तो एक जैसे नहीं होते मैना।” तोते ने कहा।
“मर्द सिर्फ मर्द होते हैं, वह मर्द ही क्या जो बेवफा न हो।
“अगर तुम मर्दो की ऐसी वकालत कर रहे हो तो मैं तुम्हें मर्दो की बेवफाई की एक दास्तान सुनाना चाहती हूं।” मैना ने तोते से कुछ दूर हट कर कहा।
“सुनाओ मैना।” तोते ने सोचा चलो इसकी दास्तान सुनने में रात को कुछ समय तो गुजरेगा ही। ।
“तोते।” मैना ने कहा।
‘‘हां मैना।’
“जरा ध्यान लगाकर सुन ।’ यह कहकर मैना ने मर्द की बेवफाई की एक दास्ताने सुनानी शुरू की –
किस्सा तोता-मैना का अगला भाग: सनम बेवफा
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