New Hindi Ghost Story : भटकते भूत – Kahani
New Hindi Ghost Story – भटकते भूत
डरावनी हिंदी कहानी / Hindi Horror Story – भूतों की कहानी | New Hindi Ghost Story | Hindi Kahaniya
दो दोस्त एक चबूतरे पर बैठे बातें कर रहे थे । दोनों की आयु 30 से 35 वर्ष के बीच थी । इनमें से एक का नाम संजय था और दूसरे का बबलू ।
“यार, क्या तू भूत-प्रेतों पर विश्वास करता हैं ?” बबलू ने संजय से पूछा ।
जवाब में संजय ने उससे सवाल किया-
“तुझे क्या लगता है, आज के समय में भूत-प्रेत हैं ?”
“कुछ नहीं कहा जा सकता…।” बबलू बोला ।
संजय बहुत मूर्ख था । उसने अपनी मूर्खता के अनुसार बबलू से कहा-
“चल यार, एक काम करते हैं, भूत प्रेतों को ढूंढते हैं ।”
“बेवकूफ !” बबलू बोला- “भूत-प्रेत क्या ढूंढने से मिलते हैं ।”
“तो फिर कैसे मिलते हैं ?”
“वो कभी भी, कहीं भी मिल जाते हैं । वे कब, कहां मिल जायें, कोई भरोसा नहीं होता ।” बबलू ने कहा ।
“तुझे क्या पता, बड़े बूढ़े कहते हैं कि ढूंढने से तो खुदा भी मिल सकता है…समझा !” बबलू ने कहा ।
“मैं सब कुछ समझ गया । बस अब तू और समझ ले ।” संजय बोला ।
“सही कहते हो-समझदार को समझाने की जरूरत नहीं और बेवकूफ को समझाने का कोई फायदा नहीं ।”
कुछ देर दोनों के बीच शांति छाई रही । फिर संजय ने पूछा-
“यार, अगर भूतों को ढूंढा जाये तो सबसे सही जगह कौन सी होगी, जहां भूत मिल सकते हैं ?”
“कब्रिस्तान ।” बबलू खिसिया कर बोला ।
“ठीक है, फिर तो मैं कब्रिस्तान अवश्य जाऊंगा ।”
“एक बात और…। बबलू बोलो । You Read This New Hindi Ghost Story on Lokhindi.com
“हां, बता ।”
“जाना रात के समय । क्योंकि भूतों से रात को ही मिला जा सकता है ।”
“ठीक है ।”
बबलू मन ही मन संजय का मजाक उड़ाता रहा ।
रात हो चुकी थी । संजय अपने इरादे के मुताबिक कब्रिस्तान पहुंच गया । वहां उसने देखा कि 10-15 लोग सफेद पोशाक पहने टहल रहे हैं, वे सफेद पोशाक वाले सभी लोग एक-दूसरे से लगभग पंद्रह-बीस कदम की दूरी पर थे ।
संजय आगे से पहले व्यक्ति से मुखातिब हुआ-
“क्या आप जानते है कि भूत कहां मिलेंगे ?”
“नहीं ।” सफेद पोशाक वाले ने उत्तर दिया । New Hindi Ghost Story
संजय वहां से आगे बढ़ गया । दूसरे के पास पहुंचा । बोला-
“क्या आपने किसी भूत को कभी देखा है ?”
“हां ।” वह बोला ।
“कहां ?” संजय ने अधीरता से पूछा ।
“आज से 20 साल पहले देखा था ।”
“लेकिन कहां ?”
“यह तो मैं भूल गया…।”
“जरा भी याद नहीं है ?” संजय ने पूछा ।
“बिल्कुल भी याद नहीं है ।”
“कोई बात नहीं…मैं किसी और से पूछ लेता हूं ।”
इसी के साथ संजय आगे बढ़ गया । तीसरे के पास पहुंच उससे पूछा-
“भाई साहब, क्या आपने किसी भूत को कहीं देखा है ?”
“नहीं ।” उसने जवाब दिया ।
“आप मुझे मेरे एक सवाल का जवाब दे सकते हैं ?”
“पूछो ।” सफेद पोशाक वाला बोला ।
“क्या आज के समय में भी भूत है ?”
“मालूम नहीं । मुझे मरे 15 साल बीत चुके हैं । पिछले 15 सालों से मैं यही इस कब्रिस्तान की एक कब्र में दफन हूं । कभी-कभी रात को ताजी हवा लेने के लिए मैं कब्र से बाहर आ जाता हूं । जैसे कि इस समय हवा ले रहा हूं । मेरे साथ-साथ यहां मौजूद सभी अपनी अपनी कब्र से निकल कर हवा ले रहे हैं ।”
“ओह, अच्छा ।” New Hindi Ghost Story
संजय आगे बढ़ गया । उसने चौथे से कहा-
“भाई साहब, क्या आपने कभी किसी भूत को देखा है ?”
संजय के सवाल पर वो हंस पड़ा । बोला-
“हमें जरूरत क्या है, भूत देखने की ? हम तो खुद भूत हैं । हर समय हमारे इर्द-गिर्द भूत ही रहते हैं । तुम यहां कब्रिस्तान में जितने लोगों को देख रहे हो, वो सब भूत ही हैं ।”
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“आप सच कह रहे हैं ?” संजय ने हैरत से पूछा ।
“हां ।”
“फिर तो यह बहुत ही खुशी की बात है । अब तो मैं सबको बताऊंगा कि मैंने भूतों को देखा है ।”
इतना सुन सफेद पोशाक में खड़े सभी मुर्दे संजय की तरफ बढ़ने लगे । उन्होंने उसे अपने घेरे में ले लिया ।
“क्या हुआ ?” संजय ने सबको अपनी तरफ बढ़ते देख कर पूछा । पर किसी ने कोई जवाब नहीं दिया । सभी मुर्दे खामोशी के साथ उसे अपनी घेराबंदी में लेने लगे ।
देखते ही देखते सबने संजय को अपनी घेराबंदी में इतने नजदीक से ले लिया कि वह मुड़कर किसी और तरफ भी न देख सका । अपने स्थान पर वह ज्यों का त्यों खड़ा रहा । उसे बेचैनी हुई तो बोला-
“दूर हटो…।”
बस इसके बाद वो आगे कुछ न कह सका । उसी समय सभी मुर्दों ने मिलकर उसे मार दिया ।
2 घंटे बाद…।
बबलू के घर के दरवाजे पर दस्तक हुई ।
“कौन है ? बबलू ने पूछा । You Read This New Hindi Ghost Story on Lokhindi.com
कोई जवाब न मिला । कुछ क्षणों पश्चात दस्तक फिर हुई-
“खटखट…खटखट ।”
“कौन है भाई ?” बबलू ने पूछा- “कुछ बोलो तो सही !”
जवाब मैं दरवाजे पर फिर दस्तक होने लगी । बबलू झुंझला कर दरवाजा खोलने आया ।
उसने दरवाजा खोला तो बाहर संजय को खड़े पाया । संजय को देखकर वह गुस्से से बोला-
“यार, मुंह से तो कुछ बोल देता । मैं कितनी देर से पूछ रहा था ‘कौन है’… पर तु बजाये कुछ बताने के दस्तक दिये जा रहा था ।”
“मैं तुमसे एक जरूरी बात करना चाहता हूं ।” संजय ने गंभीरतापूर्ण स्वर में कहा ।
“कैसी जरूरी बात ?”
“पहले बाहर आ ।”
“पहले बात तो बता ?”
“बाहर आयेगा, तभी तो बताऊंगा ।”
“यहीं पर नहीं बता सकता ?”
“नहीं ।”
“क्यों ?”
“बात ही कुछ ऐसी है ।”
“कैसी है ?”
“बाहर आयेगा तो बताऊंगा ।”
“ठीक है ।”
बबलू बाहर आया । उसके करीब । “आओ मेरे साथ ।” संजय उसे लेकर आगे बढ़ा ।
“कहां लेकर जा रहा है मुझे ?”
“एकांतवास में ।”
“पर क्यों ?”
“वहीं बताऊंगा ।”
संजय उसे लेकर एक अकेली जगह में पहुंचा । वहां आकर उसने कहा-
“मैंने भूत देखे हैं ।”
“सच !” बबलू ने उसका मजाक उड़ाते ढंग में कहा ।
“हां । कैसे थे वो ?”
“देखना चाहता है ?”
“हां ।” बबलू चंचलता से बोला ।
“तो देख…। New Hindi Ghost Story
इसी के साथ संजय का चेहरा इतना डरावना हो गया की बबलू की चीज निकल गई । उसने दहशत में दम तोड़ दिया । संजय का भूत ठहाके लगाने लगा । तभी उसके पास के सभी भूत आ गये, जो उसे कब्रिस्तान में भटकते हुए मिले थे । जिन्होंने उसे मारकर भूत बना दिया था |
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