शराबी पति की कहानी - Sad Story

शराबी पति की कहानी – Sad Story Hindi

शराबी पति

एक शराबी पति की कहानी जिसने अपनी मासूम पत्नी को पैसे के लिए दूसरे को बेच दिया, sad story in hindi – तोता-मैना के किस्से की दास्ता!


रामधन बहुत गरीब था, दिन भर मेहनत मजदूरी करके सिर्फ दो वक्त की रोटी के पैसे ही जुटा पाता था । खुदा का यह उसूल है कि वह गरीब के घर कन्या को अवश्य जन्म देता है ताकि वह किसी न किसी तरह का कन्यादान करके अपना परलोक सुधार सके । कन्यादान महादान माना गया है, जिसके वंश में कन्या जन्म नहीं लेती, वह वंश इस महादान से विहीन रह जाता है ।

गरीब रामधन के घर में भी एक कन्या ने जन्म लिया था, जिसे उसने अपनी हैसियत के अनुसार पढ़ाया लिखाया । रामधन की बेटी का नाम कविता था, जो युवावस्था में आते आते काफी सुशील और सुंदर युवती बन गई थी । युवक उसकी सुंदरता को देख कर आहें भरने लगे थे ।

एक दिन रामधन के मित्र गोपाल ने उससे कहा-

“मित्र ! अब तुम्हारी पुत्री कविता भी विवाह योग्य हो गई है । लड़की पराया धन होती है, और पराया धन अपने पास ज्यादा समय तक नहीं रखना चाहिए । चोर, लुटेरे सरेआम घूमते फिरते हैं । इसलिए अपनी पुत्री कविता का विवाह योग्य वर देखकर जितनी जल्दी हो सके संपन्न कर दो ।”

“तुम ठीक कहते हो मित्र ! मैं आज ही से अपनी बेटी के लिए योग्य वर की तलाश करता हूं ।”

रामधन ने अपने मित्र का धन्यवाद करते हुए कहा ।

बस उसी दिन से वह कविता के लिए लड़का तलाश करने में जुट गया । रामधन की मेहनत रंग लाई और बहुत जल्द ही उसे कविता के लिए योग्य वर मिल गया ।

कमल शहर में रहता था और छोटा-मोटा कारोबार करता था । दो वक्त की रोटियों में कोई टोटा नहीं था ।

कविता दुल्हन बनकर कमल के घर आ गयी ।

उस रात उन दोनों की सुहागरात थी जब कविता फूलों से सजाई गयी सेज पर बैठ गई थी । घर में उसके अलावा कोई नहीं था । कमल अब अकेला था उसकी शादी में आने वाले सब रिश्तेदार चले गए थे । रात के 11:00 बज गए थे । कविता को समझ में नहीं आया था कि उसके पति आज की रात भी कहां रह गए । धीरे धीरे 12:00 बज गए ।12:10 दस मिनट पर दरवाजा खुला । कविता संभल कर बैठ गयी । उसने घुंघट और निचा कर लिया । कमल धीरे धीरे चलता हुआ सुहाग सेज के पास आया । वह अपने आप पर काबू रखने का पूरा प्रयास कर रहा था । उसके कदम लड़खड़ा रहे थे । कविता कलेजा थामकर रह गयी । उसने एक ही नजर में पहचान लिया था कि उसे शराबी पति मिल गया है ।

एक पल के लिए उसने सोचा कि शायद हो सकता है उसके यार – दोस्तों ने इस खुशी के मौके पर पिला दी हो । उसने दिमाग से बात निकाल दी ।

कमल धीरे-धीरे चलता हुआ सेज के पास आया । वह आकर उसके पास बैठ गया । कविता लाज से सिमट गयी । उसने गरदन झुका ली ।

कमल कई पलों तक बैठा रहा । फिर बोला- “मेरी जान कविता, मुझे माफ करना, मैं दोस्तों में फंस गया था । सालों ने जबरदस्ती पिला दी थी ।”

कविता ने कोई जवाब नहीं दिया ।

“नाराज हो मेरी रानी ?”

कमल ने कहकर धीरे से हाथ बढ़ाया और उसका घूंघट उलट दिया । कविता ने जरा सा भी विरोध नहीं किया । केवल इसलिए कि यदि उसने विरोध किया तो कहीं साड़ी न फट जाए । शराबी का क्या भरोसा ?

कमल के सम्मुख जैसे चांद निकल आया । वह कई पलों तक कविता को एकटक देखता रहा फिर उसने उसे अपने करीब खींच लिया । कविता ने कोई विरोध नहीं किया ।

वे दोनों इस वक्त काफी करीब आ गए थे । उन्हें लगा जैसे वक्त थम गया है लेकिन यह उनका वहम था । रात मन्थर गति से बीत रही थी । कमरा अंधकार में डूबा हुआ था । कविता सुबह उठी और घर के काम में लग गयी। उसके यहां और तो कोई था नहीं जो काम में उसका हाथ बंटाता । कमल काफी देर से उठा । उठा क्या, कविता ने उठाया था चाय बनाकर । कमल ने चाय पी ली । कविता खाना बनाने में लग गयी । उसका ख्याल था कि कमल अपने काम पर जाएगा । लेकिन वह काम पर नहीं गया । जब कविता ने पूछा कि काम पर नहीं जाओगे क्या ? तो उसने कह दिया था अभी दो-चार दिन कहीं नहीं जाना । 5 दिन हो गए कमल काम पर नहीं गया । You Read This शराबी पति की कहानी on lokhindi

छठे दिन कविता ने उससे कहा- “अब आपको काम पर जाना चाहिए । यदि आप काम पर नहीं जाओगे तो घर खर्च कैसे चलेगा ?”

“सब चल जाएगा, तुम क्यों चिंता करती हो ?” कमल ने कहा- “कमा भी लेंगे । अभी कौन-सी आफत आ गई है ?”

फिर कविता ने कुछ नहीं कहा ।

1 सप्ताह बीत गया । कमल हर रात को पी कर आता था और उसके चिपक जाता था । जैसे वह उसकी वासना की तृप्ति का सामान हो ।

कविता बुरी तरह परेशान थी । परंतु करे तो क्या करें ? उसने कई बार दबी जुबान से कहा भी था कि आप को शराब नहीं पीनी चाहिए ।

लेकिन कमल ने उसकी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया था ।

उसके घर से उसके पिता आए और कविता को कुछ दिन के लिए अपने साथ ले गए ।

2 दिन बाद कमल उसे फिर ले आया ।

उस दिन शाम को कमल के दो मित्र घर में हीं आ गए । उन तीनों ने एक साथ बैठकर शराब पी । कविता को यह सब अच्छा नहीं लग रहा था । परंतु करती क्या, मजबूर थी । वह जाकर अपने कमरे में बिस्तर पर बैठ गयी । इसका पति और उसके मित्र रात को 11:00 बजे तक पीते रहे ।

रात में 11:00 बजे तक कविता बेठी नहीं रही । उसे नींद आ गई और वह सो गई । उसका तो यह रोज का काम था।  उसकी आंख तब खुली जब किसी ने उसे दबोच लिया था । उसने आंख खोलकर देखा, उसका पति नहीं था । उसने चीखना चाहा तो उसने उसके मुंह पर हाथ रख दिया । काफी देर तक ने संघर्ष चलता रहा । आखिर में उसने कविता को दबोच लिया किसी हिरनी की भांति । जैसे कोई सिंह दबोच लेता है । कविता रोती रही ।

शराबी पति की कहानी - Sad Story

शराबी पति की कहानी

वह उसके चुंगल में कसमसाती रही और उसकी इज्जत लुटती रही थी ।

वह सोच रही थी कि उसका पति किस काम का जिसे इस बात का भी ज्ञान नहीं कि उसकी पत्नी के साथ क्या हो रहा है ?

उसके पति का वह साथी अपनी मनमानी करके चला गया । रात्रि के करीब 3:00 बजे उसका पति कमल उसके पास लड़खड़ाते हुए कदमों से आया । उसने कविता को छूना चाहा तो उसने उसे दूसरी ओर धकेल दिया । वह पलंग से नीचे गिर पड़ा ।

“बेशर्म ! तुम्हें डूब मरना चाहिए ।” कविता ने पागलों के समान चीखते हुए कहा ।

“क्यों, क्या हुआ ?”

“यह तुम पूछते हो क्या हुआ ?” कविता ने उसी तरह चीखकर कहा- “जिन्हें तुम अपना दोस्त कहते हो जिनके साथ तुम शराब पीते हो, जानते हो उनमें से एक ने क्या किया ?”

“क्या किया ?”

“उसने मेरी इज्जत लूट ली ।”

“हां…हां…हां ।”

“अच्छा तो तुम इस वजह से नाराज हो । अरे रानी कोई बात नहीं । वह बहुत पैसे वाला है । उसके आने से मुझे कोई एतराज नहीं है ।” कमल ने एक जोरदार ठहाका लगाते हुए कहा ।

“ओह !”

“हां रानी ।”

अब हर बात कविता की समझ में आ चुकी थी । वह समझ गई थी कि उसको उसके पास भेजने वाला उसका अपना पति ही था ।

ग्लानी से उसका मन भर गया ।

वह सोचने लगी कि उसे कैसा पति मिला जिसे न अपनी इज्जत का ध्यान न अपनी पत्नी का । वह उसकी कमाई खाना चाहता है- गंदी कमाई । उसे तो बहुत पहले समझ लेना चाहिए था, जो पति अपनी रोजी-रोटी के लिए सतर्क नहीं हो सकता वह अपनी पत्नी के प्रति क्या सतर्क रहेगा ।

उफ्फ…।

कविता दूसरी ओर करवट लेकर सो गयी । उसने कमल को अपने तन पर हाथ तक नहीं लगाने दिया था । दूसरे दिन भी उसने कमल से कोई बात नहीं की ।

और कमल ? वह सोच रहा था कि कोई बात नहीं । न बोली न सही । धीरे धीरे सब कुछ बर्दाश्त करने की आदत पड़ जाएगी ।

शराबी पति की कहानी – Sad Story Hindi

रात को जिस समय कमल शराब पीकर कमरे में आया उस समय कविता अपनी किस्मत पर रो रही थी कि उसने पिछले जन्म में कौन सा पाप किया था कि उसको कमल जैसा पति मिला जिसे उसकी इज्जत का कोई ख्याल नहीं है, और अपने हाथों से अपनी पत्नी को दूसरों को सौंप रहा है जबकि मर्द तो ऐसे होते है कि कोई उनकी पत्नी की ओर नजर भरकर देख भी ले तो वह मरने-मारने को तैयार हो जाते हैं ।

किस बात का पति है वह उसका ? क्या केवल नाम का ? या उसके द्वारा वह स्वयं धन पैदा करना चाहता है ? ग्लानी से बुरी तरह मन भर गया उसका । कमल ने कविता को हाथ लगाया । कविता ने उसका हाथ झटक दिया और कहा- “तुम्हें मेरे जिस्म पर हाथ लगाने का कोई अधिकार नहीं है ।”

“क्यों…? उसने कहा- “तुम मेरी पत्नी हो ।”

“किस बात की पति हो तुम…? कविता ने कहा- “क्या केवल इस बात के कि तुम मदिरा पान करके आओ और मेरे तन से खेलो ? पति कैसे होते हैं, उनका क्या कर्तव्य होता है जानते हो तुम ? पति वो होते हैं जो कमाकर लाएं और अपने घर का खर्च चलाएं । पत्नी यदि गलत रास्ते पर जाती नजर आए तो उसे खूब डांटें । तुम्हारी तरह के पति नहीं होते जो नोटों के लिए अपनी पत्नी को दूसरों को सौंप देते हैं । सच तो ये है कि तुम्हें तो डूब मरना चाहिए । तुमने तो दुनिया भर के शौहरों को बदनाम कर डाला है । तुम मेरे पति नहीं हो सकते, गर्म गोश्त के व्यापारी जरूर हो सकते हो, जो पैसे की खातिर अपनी बीवी से धंधा कराते हैं ।” You Read This शराबी पति की कहानी on lokhindi

कमल ने कुछ नहीं कहा- वो बस उसी तरह से छेड़छाड़ करता रहा । काफी देर बाद बोला- “कविता तुम क्यों परेशान हो ?” औरत को डर तो अपने पति का ही होता है न ? जब मुझे कोई एतराज नहीं तो तुम क्यों चिंता करती हो ? खाओ पियो मौज करो ।

“क्या कहूं तुम्हें ?” क्रोधित कविता बोली- “कोई उचित शब्द नजर नहीं आ रहा । हां, यदि तुम्हारे स्थान पर में होती और मेरे स्थान पर तुम होते तो अब तक तुम्हारी इस निच और जलील दोस्त की गर्दन कमल कर चुकी होती और स्वयं अपने को गोली मार ली होती । इस संसार में केवल इज्जत ही गयी तो है और यदि वह भी समाप्त हो गयी तो फिर बच्चा क्या ?”

“ओह !”

“हां ।” कविता ने कहा- “सुनो कमल, वैसे तो मेरी नजरों में अब तुम्हारी कोई इज्जत नहीं रह गई लेकिन फिर भी एक बात याद रखना । इस तरह की हरकत मेरे साथ कराने का प्रयास भूलकर भी न करना । यदि ऐसी घिनौनी हरकत तुमने फिर की तो मैं अपने आपको समाप्त कर दूंगी ।”

“कविता ।”

“हां ।”

“ये तुम क्या पागलों जैसी बातें कर रही हो । उसने कहा- “नारी का फर्ज है कि वह अपने पति का कहना माने ।”

“चाहे वह उससे पैसा ही क्यों न कराने की पेशकश करें ?”

“हां ।”

“अगर तुम्हारे ऐसे विचार है तो तुम किसी और के साथ शादी कर लो और उससे यह सब कराना ।” मैं कल ही अपने घर चली जाऊंगी और तुम्हें तलाक दे दूंगी ।” इस तरह का नरक समान जीवन कम से कम मुझे तो बर्दाश्त नहीं है ।”

“क्यों पागल हो रही हो कविता ?” कमल ने कहा- “मैं कौन सा तुमसे रोज किसी का बिस्तर गर्म करने को कह रहा हूं । कभी-कभार कोई आ गया तो, ठीक है नहीं तो नहीं ।”

“तुम क्या समझते हो मुझे ?” उसने कहा- मैं कोई वेश्या हूं जो अपने तन का सौदा करके तुम्हारा पेट भरूंगी । अरे अगर तुम कमा नहीं सकते तो डूब मरो या घर में चूड़ियां पहनकर बैठ जाओ । नारी तो पुरुष की इज्जत होती है । किसी ने कहा है नारी सर्वत्र पूज्यंते ।” कहते-कहते कविता हांफने लगी और कुछ देर खामोश रहने के बाद उसने कहा- “तुम इन सब बातों को तभी समझ सकते हो जब तुम्हें अपनी इज्जत का ख्याल हो ? तुमने तो ये अंगूर की बोतल ऐसी गले लगा रखी है जिसने तुम्हारे सोचने समझने की शक्ति को समाप्त कर दिया है । अगर तुम में थोड़ी बहुत भी बुद्धि है तो इस शराब को छोड़ो और अपना काम करो । शराब पीने वालों का यही हाल होता है, उनके घर बरबाद हो जाते हैं । सच यही है । शराब आदमी को सोचने समझने की शक्ति को समाप्त कर देती है ।”

कमल ने उसके बाद कुछ नहीं कहा । वह दूसरी ओर करवट लेकर सो गया । कविता भी करवट लेकर लेटी रही।

कविता ने इस बात का पक्का निश्चय कर लिया था कि यदि इस बार उसके पति ने इस प्रकार की हरकत कराने की कोशिश की तो वह अपनी जान दे देगी ।

15 दिन गुजर गए । कोई बात नहीं हुई ।

कमल ने काम पर जाना प्रारंभ कर दिया था । लेकिन उसने शराब पीनी बंद नहीं की थी ।

कविता ने उससे बोलना शुरु कर दिया था । उसने सोचा था कि शायद उस दिन की बातों का उस पर असर हो गया है और वह सीधी राह पर आ गया है ।

कभी-कभी ऐसा भी हो जाता कि आदमी को कोई बात लग जाती है ।

लेकिन…।

कहते हैं न कि कुत्ते की पूंछ 12 साल तक नलकी में रखो, जब निकलेगी टेढ़ी ही निकलेगी ।

कमल ने यह देखने के लिए कि अब वह क्या करती है, उस रात को फिर उसने अपने 1 साथी को कविता के कमरे में भेज दिया ।

जब उसने जाकर उसे छुआ और उसकी आंख खुली तो उसने उसे पूरी शक्ति साथ दूर ढकेल दिया ।

“बचाओ ।” वह चीखी भी थी ।

परंतु बचाने कौन आता ? उसे भेजने वाला तो उसका अपना पति ही था । जो अपनी पत्नी के शरीर को बेचकर उसकी कमाई खाना चाहता था ।

पुरुष के समक्ष नारी कमजोर होती है । उसने उसे दबोच लिया और अपनी इच्छा पूरी कर ली ।

हवस पूरी करने के बाद वह कमरे से निकल गया ।

उसके जाते कविता बाहर आयी और उसने दूसरी मंजिल से छलांग लगा दी । नीचे सड़क पर उसका सिर लगा । सिर फट गया और वह एक ही पल में स्वर्ग सिधार गयी ।

आसपास के घरों के लोग इकट्ठे हो गए ।

शराबी कमल भी घर से निकलकर बाहर आया और रोने लगा । उसका साथी उस दुर्घटना को देखकर चुपचाप वहां से खिसक गया ।

पुलिस आई और लाश को उठाकर ले गयी ।

पोस्टमार्टम के बाद लाश उस कमीने कमल को मिल गयी और उसने उसे चिता के भेंट कर दिया ।

ऐसे पति को तो अपनी पत्नी की चिंता को अग्नि देने का भी अधिकार नहीं होना चाहिए ।

एक पल रुककर मैना ने तोते को पुकारा- “हे तोते ।”

“हां मैना ।”

“देखो उस नीच कमल को । कविता के बार बार समझाने पर भी उसकी समझ में नहीं आया और उसने अपने हाथों से ही अपनी पत्नी को मरवा दिया ।

एक पल चुप रहकर मैना ने कहा- “तोते ! इसीलिए तो मैं मर्दों से नफरत करती हूं और अपने पास नहीं फटकने देती । मर्दों की जात बड़ी बेमुरव्वत होती है ।”

“मैना ।”

“हां तोते ।”

“बेशक तुमने जो कुछ कहा वह सच है ।” तोते ने कहा- “यदि कोई कमल जैसा आदमी है तो बिल्कुल वह मर्द जात के नाम पर धब्बा है, बदनुमा दाग है । मगर…।”

“मगर क्या ?”

“क्या सब आदमी कमल जैसे होते हैं, नहीं । तोते ने कहा- ऐसी बदचलनी तो औरतों में भी होती है । सुनो मैं तुम्हें एक और बेवफा औरत की कथा सुनाता हूं, सुनो ।”

“सुनाओ ।” मैना ने कहा ।

कुछ देर तक तोता चुप रहा और फिर मैना को कथा सुनाने लगा ।

मैना ने अपने कान उस ओर लगा लिए ।

शराबी पति की कहानी  पढ़ने के लिए धन्यवाद!! 

अगला भाग: लालच का फल

पिछला भाग: कातिल पत्नी Hindi Story

और कहानियों के लिए हमारी APP डाउनलोड करें: Playstore

Share:
Written by lokhindi
Lokhindi is a Hindi website that provides Hindi content to the consumers such as jokes, stories, thought, and educational materials etc. Lokhindi website run by "The Arj Team".