लालच का फल Lust Story एक धोख़ेबाज प्रेमिका जिसने अपने प्रेमी को छोड कर दूसरे की बाहों में गई

लालच का फल Lust Story – धोख़ेबाज प्रेमिका

लालच का फल Lust Story

Cheat Girlfriend, “लालच का फल Lust Story” तोता-मैना के किस्से की रोचक दास्ता। हवस की पुजारन प्रेमिका की अनूठी कहानी, किस प्रकार धोख़ेबाज प्रेमिका ने दूसरे संग अपनी हवस मिटाई।  


सेठ अंबा प्रसाद जमना नगर का बहुत बड़ा उद्योगपति था । धन-दौलत का अंबार होने के बावजूद भी वह काफी धार्मिक प्रवृत्ति का व्यक्ति था । उसने कई धर्मशालाएं एवं अनाथ आश्रम स्वयं अपने धन से बनवाए थे । पूरे शहर में वह दानवीर माने जाते थे । उनके पास दौलत इतनी थी कि शायद स्वयं भी नहीं जानते थे कि वह कितनी मिल्कियत के मालिक हैं ।

सेट अंबा प्रसाद के एक पुत्र था । उसका नाम शंकर प्रसाद था और उसकी उम्र लगभग 20 वर्ष थी । वह उन दिनों कॉलेज में पढ़ रहा था । पढ़ाई-लिखाई में वह काफी होशियार था ।

अंबा प्रसाद की उम्र 48-50 के करीब थी । देखने से ऐसा नहीं लगता था कि वे अपनी उम्र के 48 वर्ष पूरे कर चुके हैं । देखने में वे 35-40 के ही लगते थे । पैसे की कोई कमी थी हीं नहीं ।

अम्मा प्रसाद के जीवन में केवल एक ही अभाव आ गया था । वह था पत्नी का सुख । गत वर्ष एक दुर्घटना में उनकी पत्नी स्वर्ग सिधार गयी थीं । पत्नी का अभाव उन्हें खलता था । वे चाहते तो पैसे के बल पर कहीं भी अपनी इच्छाएं पूरी कर सकते थे लेकिन बाजार में जाना उन्हें शोभा नहीं देता था । क्योंकि नगर में उनका बड़ा नाम था । कभी-कभी आदमी की शोहरत उसे बहुत से कार्य करने से रोकती है । 

सेठ अंबा प्रसाद ने दूसरा विवाह भी नहीं किया था । वे चाहते तो फौरन विवाह कर सकते थे । उनके लिए लड़कियों की क्या कमी थी । कोई भी स्वेच्छा से उनके साथ शादी कर सकती थी । लेकिन उन्होंने अपने जवान बेटे की वजह शादी नहीं की थी । वह सोचता था कि अब उसकी नहीं उसके बेटे शंकर प्रसाद की शादी करने की उम्र है । शंकर प्रसाद का ध्यान केवल अपनी पढ़ाई-लिखाई की ओर था ।

सेठ अंबा प्रसाद के सेक्रेटरी रीना थी ।

बड़ी-बड़ी प्राइवेट फर्मो में तो रखी ही जाती हैं हसीन नवयौवनायें । रीना की उम्र 21 वर्ष थी । रीना के अंग-अंग से जवानी टपकटी थी । उसका पूरा जिस्म सांचे में ढला हुआ था । वह अंबा प्रसाद को गौर से देखा करती थी ।

अंबा प्रसाद ने कभी इस ओर ध्यान नहीं दिया था कि रीना उनकी ओर गौर से क्यों देखती है ।

दोपहर में वही उसे चाय या लंच खिलाती थी । वह अंबा प्रसाद से सटकर बैठा करती थी ।

वह जानती थी कि अंबा प्रसाद की पत्नी मर चुकी है ।

सच बात तो यह थी कि वह अंबा प्रसाद से संबंध बनाना चाहती थी । लेकिन वह पहल अपनी तरफ से करके अपनी कमजोरी उस पर जाहिर नहीं करना चाहती थी । वह सोचती थी कि यदि उसने अपनी कमजोरी जाहिर कर दी तो वह अंबा प्रसाद से वह सब प्राप्त नहीं कर पाएगी जो वह पाना चाहती है । वह अक्सर अंबा प्रसाद से इस प्रकार की बातें भी किया करती थी जिससे कि वह उसकी ओर आकर्षित हो । आप यह लालच का फल Lust Story कहानी लोकहिंदी पर पढ़ रहे है!

मगर…।

रीना ने एक बार भी अंबा प्रसाद को अपनी ओर आकर्षित नहीं पाया । परंतु उसने हार नहीं मानी थी । वह अपने प्रयास में लगी हुई थी । एक दिन वह दोपहर को अंबा प्रसाद को लंच खिलाने गयी और उसने डिशेज लगा दी । लंच करते हुये अंबा प्रसाद ने उससे कहा- “सर !”

“यस रीना ।”

“क्या बात है ?” रीना ने कहा- “आप कुछ उदास से हैं । कोई खास बात है क्या ?”

“नहीं, कोई बात नहीं है रीना ।” उन्होंने कहा- “मैं ठीक हूं ।”

“सर ।” रीना ने कहा- “कभी कभी फिल्म आदि देख लिया कीजिए । उसने उससे कुछ एन्टरटेनमेंट हो जाता है ।”

“अकेले फिल्म देखने को मन नहीं करता और फिर लाभ भी क्या है ?” अंबा प्रसाद ने कहा ।

“यदि आप कहेंगे तो मैं आपके साथ चली चलूंगी ।”

रीना के यह शब्द सुनकर अंबा प्रसाद ने बड़ी अजीब-सी नजरों से रीना की ओर देखा । रीना मुस्करा रही थी ।

अम्बा प्रसाद की एक पल के लिए अक्ल खराब हो गयी । एक ही पल में वह बहुत कुछ सोच गया ।

रीना अब भी मुस्कुरा रही थी ।

“रीना ।”

“जी ।”

“अगर तुम चल सकती हो तो…।” अंबा प्रसाद की आधी आवाज हलक मैं फंसकर रह गई ।

“किसी फिल्म के टिकट मंगा लेना फिर चले चलेंगे ।”

रीना के उस अंदाज को देखकर अंबा प्रसाद बहुत कुछ समझ गया था । रीना 3:00 बजे अंबा प्रसाद के साथ ऑफिस से ही चल दी । उस दिन अंबा प्रसाद ने ड्राइवर अपने साथ नहीं लिया था । वे स्वयं गाड़ी ड्राइव करते हुए चले थे ।

नगर में उनका अपना भी एक पिक्चर हॉल था- नाज । अंबा प्रसाद वहीं चले गए थे ।

अंबा प्रसाद गाड़ी को कंपाउंड में खड़ी करने के बाद मैनेजर रुम की ओर बढ़े । नौकर आगे- पीछे दौड़ने लगे थे । अम्बा प्रसाद को देखते ही मैनेजर खड़ा हो गया । उसने अदब से नमस्ते की । फिर एक द्वारपाल से ढंग की चाय लाने को कहा ।

“अजय ।” 

“यस सर ।”

“हम आज यह फिल्म देखना चाहते हैं ।”

“अवश्य देखिए सर । मैनेजर ने कहा- में अभी प्रबंध करा देता हूं सर ।”

मैनेजर ने एक किनारे का बॉक्स उनके लिए बुक कर दिया । चाय पीने के बाद अंबा प्रसाद और रीना बॉक्स में आ गए ।

फिल्म प्रारंभ होने में अभी कुछ समय शेष था ।

कुछ देर बाद फिल्म प्रारंभ हो गयी । चारों ओर अंधकार छा गया ।

बॉक्स में अंधेरा था ।

अम्बा प्रसाद बड़ी दुविधा की स्थिति में था । वह स्पष्ट तौर पर यह नहीं समझ पाया था कि रीना ने किस उद्देश्य को लेकर उसके साथ फिल्म देखने की हां कर दी थी । आखिरी वह उनसे चाहती क्या है ? उसने रीना से इस विषय में कोई बात नहीं की बस चुपचाप फिल्म देखता रहा । देखता क्या रहा बस आंखें सामने थी वर्ना दिल तो कहीं और था और जोर जोर से धड़क रहा था । आप यह लालच का फल Lust Story कहानी लोकहिंदी पर पढ़ रहे है!

और रीना…।

इस बात की प्रतीक्षा में थी कि अंबा प्रसाद किसी प्रकार की हरकत करें ।  

काफी देर हो गयी और जब अंबा प्रसाद ने किसी प्रकार की कोई हरकत नहीं की तो उसने स्वयं कुछ करने का निश्चय किया ।

उसने अंगड़ाई ली, कुछ ऐसे अन्दाज में जैसे उसने स्वाभाविक रूप से अंगड़ाई ली हो और हाथ नीचे लाते हुये अपना हाथ अम्बा प्रसाद की जांघ पर रख दिया ।

अब… ।

अंबा प्रसाद को इस बात में जरा भी शक नहीं रह गया था कि उसने जान बूझकर फिल्म का प्रस्ताव रखा था ।

अंबा प्रसाद का हौसला बढ़ा और उन्होंने सोचा जो होगा देखा जाएगा । उसने अपनी बाहं रीना की कमर में डाल दी और अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए । वर्षों की प्यास जैसे जाग उठी ।

रीना ने जरा भी विरोध नहीं किया ।

काफी देर तक वे उसी स्थिति में रहे ।

अम्मा प्रसाद ने डूबे स्वर में उसे पुकारा- “रीना ।”

“जी ।”

“मेरे विचार से अब हमें यहां से चलना चाहिए ।”

“क्यों सर ?”

“अब यहां बैठे रह पाना संभव नहीं है ।” अम्मा प्रसाद ने कहा- “मैं अपनी घृष्टता की भी क्षमा चाहता हूं ।” 

“सर ।”

“हा रीना ।” 

“मैंने आप पर कोई इल्जाम नहीं लगाया है ।” रीना ने कहा- “फिर आप अपने आप को दोषी क्यों समझते हैं ?”

“रीना ।”

“जी ।”

“एक बात साफ-साफ बताना ।”

“जी पूछिए ।”

“क्या तुम मुझसे प्यार करती हो ?”

“शायद मैं आपको प्यार करती हूं ।”

“रीना ।” अंबा प्रसाद ने कहा- “मैं तुमसे शादी नहीं कर सकूंगा ।”

“मैंने आपसे शादी करने को तो नहीं कहा ।”

अंबा प्रसाद ने उस वक्त सोचा कि शायद रीना और लड़कियों की तरह पैसे की भूखी है । क्योंकि यदि पैसे का लालच न होता तो वह उससे प्यार करती ही क्यों जबकि उसे शादी की इच्छा नहीं है । खुश हो गया अंबा प्रसाद ।

“अंबा प्रसाद के जीवन में एक नारी का अभाव था और वह पूरा करने जा रही थी रीना । जो जवान और हसीन थी । जिसका अंग अंग सांचे में ढला हुआ था । उसकी जवानी पर लाखो लुटाए जा सकते थे ।

और पैसे की परवाह कम से कम अंबा प्रसाद को तो थी ही नहीं ।

उसने फिर बेफिक्र होकर रीना को अपने करीब खींच लिया । वह जानता था कि वहां कोई नहीं आएगा । फिल्म चलती रही और अम्मा प्रसाद अपनी वर्षों की दबी प्यास बुझाता रहा ।

फिल्म के समाप्त होने से पूर्व ही अंबा प्रसाद और रीना हॉल से निकलकर चले गए ।

लालच का फल Lust Story Hindi – धोख़ेबाज प्रेमिका

अंबा प्रसाद ने रीना को उसके घर छोड़ दिया था और स्वयं कार ड्राइव करता हुआ अपने घर चला गया था ।

रीना का इस संसार में उसकी मां के अलावा और कोई नहीं था ।

विवाह अभी उसका हुआ नहीं था । अब रीना अंबा प्रसाद के यहां आने जाने लगी थी । वह अक्सर रात में काफी देर तक उसके यहां रह जाती थी । घंटों वह दोनों एक-दूसरे के पहलू में समय रहते थे ।

रीना को अंबा प्रसाद ने एक अच्छा सा फ्लैट ले कर दे दिया था । रीना अपनी मां को लेकर उस प्लेट में आकर रहने लगी थी । अंबा प्रसाद अब उस प्लैट में आ जाता था । रीना को कोई एतराज नहीं था ।

रीना ने अंबा प्रसाद को काफी धन ऐठ लिया था । उसकी स्थिति काफी मजबूत हो गई थी । रीना अब मनमर्जी से ऑफिस आती जाती थी । उससे कोई पूछने वाला नहीं था । उन्हीं दिनों एक और उद्योगपति चमनलाल रीना के यहां आने-जाने लगा । उसने स्वयं रीना के सामने प्रस्ताव रखा था कि मैं आपको अपनी सेक्रेटरी बनाना चाहता हूं । रीना ने सेक्रेटरी पद लेने से इंकार कर दिया । लेकिन उसको अपने यहां आने जाने की छूट दे दी थी । रीना के भाग्य से वह भी विधुर था और अंबा प्रसाद से उसकी लगती थी । रीना की आड़ में वह उससे खेल खेलना चाहता था । वह उद्योगों में उससे आगे बढ़ जाना चाहता था । अंबा प्रसाद को इस बात की कानों कान भी खबर न थी कि चमनलाल उसके यहां आने जाने लगा था । आप यह लालच का फल Lust Story कहानी लोकहिंदी पर पढ़ रहे है!

अंबा प्रसाद शाम को आठ बजे रीना के यहां आया । उस समय फ्लैट का द्वार खुला हुआ था और एक कार खड़ी हुयी थी । उस कार को वह पहचानता था, वह चमनलाल की थी ।

चमनलाल की कार को देखकर अंबा प्रसाद का माथा ठनका । वह समझ नहीं पाया कि आखिर उसकी कार यहां किसलिए खड़ी है ? अंबा प्रसाद कार से उतरकर बाहर आया और सीढ़ियां चढ़ता हुआ ऊपर जा पहुंचा ।

वह सीधा रीना के बेडरूम की ओर गया । बेडरूम का दरवाजा बंद था । अंदर से आवाज आ रही थी ।

अंबा प्रसाद की आंखें खुल गयीं । उसने अपनी गलती का अहसास हुआ ।

वह सोच रहा था, किसी ने ठीक ही कहा है कि औरत जात पर आंखें मूंदकर कभी यकीन नहीं करना चाहिए ।

“त्रिया चरित्र जाने ना कोय, खसम मार के सती होय ।”

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लालच का फल Lust Storyधोख़ेबाज प्रेमिका Story Hindi – नग्न रीना चमन लाल की बाहों में

अंबा प्रसाद ने अचानक रीना के बेडरूम का दरवाजा खोल दिया ।

अगले ही पल वह हक्का-बक्का रह गया । नग्न रीना चमन लाल की बाहों में थी ।

अंबा प्रसाद को वहां देखकर रीना भी हक्की बक्की रह गयी । उसने अपने जिस्म पर एक चादर डाल ली ।

अंबा प्रसाद वहां एक पल के लिए भी नहीं रुका और पलटकर वहां से चला गया ।

रीना हड़बड़ा गयी थी । उसकी समझ में नहीं आया था कि वह क्या करें क्या न करें ? रीना को अपने सपनों का महल दहता नजर आया । उसने चमनलाल की ओर देखा । चमनलाल की हालत भी अजीब सी थी । उसने जो रीना को मोहरा बनाकर अपना काम बनाने निश्चय किया था, वह उसे धूमिल होता नजर आ रहा था ।

रीना ने चमनलाल की बाहों में मचलते हुए कहा- “चमनलाल जी ।”

“यस डार्लिंग ।”

“अब क्या करें ?” रीना ने पूछा ।

“क्या बताऊं रीना ?” चमनलाल ने कहा- “इस समय मेरी भी कुछ समझ में नहीं आ रहा है । यह सब अचानक इतनी तेजी से हो गया कि कुछ समझ में ही नहीं आया । एक गलती तुमने अवश्य की थी ।”

“वह क्या ?”

“तुम्हें बाहर का दरवाजा अवश्य बंद करना चाहिए था ।” चमनलाल ने कहा- यदि वह आता तो कम से कम बेल तो बजाता । उस वक्त हम होशियार हो जाते ।”

“अब जो गलती हो गयी है ।” रीना ने कहा- “उसका क्या इलाज है ।”

“तो तुम चिंता क्यों कर रही हो ?” चमनलाल ने कहा- “कल ऑफिस में जाना और अपनी अदाओं का जादू उस पर चलाना । हसीन औरत तो आदमी को पागल बना देती है और फिर अंबा प्रसाद एक विधुर है । विद्युत को मन बहलाने के लिए कोई तो चाहिए ।”

चमनलाल ने उसे अपनी बाहों में भरकर बीच लिया ।

रीना ने कोई जवाब नहीं दिया बस चमनलाल की ओर देखती रह गयी ।

कुछ देर बाद रीना चमनलाल की बाहों में सिमट गई थी ।

लगभग 1 घंटे बाद चमनलाल एक चैक रीना को देकर वहां से चला गया ।

करीब रात के 10:30 बजे ।

फोन की घंटी बज उठी । रीना ने फोन का रिसीवर उठाया और कहा- “हेलो ।”

“रीना ।”

“ओहो सेठ जी आप !” रीना ने घबराई आवाज में कहा- “कहिए सेठ जी ?”

“कहना सिर्फ यह है रीना ।” उधर से अंबा प्रसाद की आवाज सुनाई दी- मैंने तुम्हें किस चीज की कमी छोड़ी थी जो तुमने चमनलाल को बुलाया ?”

“सेठ जी ।” रीना ने कहा- मैं गलती की माफी चाहती हूं । अब आगे से कभी उसे मेरे आसपास या मेरे घर पर नहीं देखेंगे । मैं सिर्फ आपकी बनकर रहूंगी ।”

“रीना ।”

“जी ।”

“मैं ऐसे बेवकूफ लोगों में से नहीं हूं जो औरतों से बार-बार धोखा खाते हैं । मैं जानता हूं कि तुम चमनलाल को भी नहीं छोड़ पाओगी । मैंने वो सब बातें भी सुन ली थी जो तुम और चमनलाल मिलकर मेरे कारोबार को चौपट करने के विषय में कर रहे थे ।” कहते-कहते अचानक अंबा प्रसाद रुक गए शायद अपने आप पर नियंत्रण रखने का प्रयास कर रहे थे । आप यह लालच का फल Lust Story कहानी लोकहिंदी पर पढ़ रहे है!

एक पल के लिए अम्बा प्रसाद की आवाज़ भी सुनाई दी- “अब तुम मेरे ऑफिस में आने की गलती मत करना । गेटमैन तुम्हें अंदर नहीं घुसने देगा ।”

“सेठ जी ।”

“बोलो ।”

“क्या आप मुझे माफ नहीं कर सकते ?”

“नहीं ।” अंबा प्रसाद ने कहा- “बार-बार धोखा खाने की आदत मुझे नहीं है । मैं अपने हाथों से अपना कारोबार चौपट नहीं कर सकता । मैं तो भगवान को बार-बार धन्यवाद दे रहा हूं कि मुझे समय पर वहां पहुंचा दिया और स्वयं मैंने अपनी आंखों से सब कुछ देख लिया और कानों से सुन लिया ।”

कहने के साथ अंबा प्रसाद ने फोन का रिसीवर रख दिया । रीना ने भी रिसीवर वापस क्रेडिल पर रख दिया ।

रीना की आंखों से आंसू वह चले थे ।

“मैना ।”

“बोलो तोते ।”

“देख लिया हरजाई रीना को । अंबा प्रसाद ने इस पर अपना सब कुछ लुटाया । उसे फ्लैट दिलाया, पैसा दिया, अच्छी जिंदगी दी और उसने लालच में आकर उसको धोखा दिया । है न औरतों के जात बेवफा ।”

“तोते… ।”

“हां मैना ।

“गलती तो हर किसी से हो जाती है ।” मैना ने कहा- “अंबा प्रसाद को यह सोचना चाहिए था कि रीना उस जैसे अधेड़ को अपना तन क्यों सौंप रही है, वह क्या चाहती है ? कोई औरत क्या ऐसे ही अपना तन क्यों सौंप देती है । फिर भी… । मैना ने कहा- “मैं तुम्हें मर्दों की बेवफाई का एक और किस्सा सुनाती हूं ।” 

“सुनाओ ।”

“और मैना तोते को एक और कथा सुनाने लगी ।

लालच का फल Lust Story का : –

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Written by lokhindi
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